अच्छा हुआ इंसानों ने मुझे मां के गर्भ में ही मार दिया…

मैं मां के गर्भ में था, जब मेरी मां के साथ मुझे भी मार दिया… इंसानों ने. मैं भूखा था. मां खाना ढूंढने निकली. उन्हें एक अनानास पड़ा दिखा. मां को लगा कि इसे खाकर वो अपना पेट भर लेंगी और उनके गर्भ में भूखा मैं… मेरी भी भूख मिट जाएगी. पर मां को नहीं पता था कि वो अनानास नहीं अपनी मौत को खा रही हैं. मैं उस हथिनी का बच्चा हूं जिसे इंसानों ने अपने घिनौने खेल का शिकार बना लिया.

मेरा तो जन्म हुआ भी नहीं था. धरती पर आने से पहले ही मुझे मार दिया गया. मां गांव में खाने की तलाश में गई थी. पर उसे कहां पता था कि वहां इंसान नहीं शैतान रहते हैं. मेरी मां मूर्ख थी. उसने सोचा कि गर्भवती होने के कारण गांव के लोग उस पर थोड़ी सी दया दिखा देंगे. पर ऐसा न हुआ.

गांव के लोगों ने मां को अनानास खाने को दिया. मां ने भरोसा कर वो अनानास खा लिया. मां नहीं जानती थी कि जो अनानास वो खा रही है उसमें इंसानी भेड़ियों ने पटाखें भरे हुए हैं. उनके मुंह में धमाका हो गया. मां को बहुत दर्द हो रहा था. वो बुरी तरह झुलस गई थीं. पटाखों से जली मां उस जलन को मिटाने के लिए पानी से भरे तालाब में चली गई. पर पानी में भी वो इंसानों की हैवानियत नहीं बुझा पाई. कई घंटों तक वो पानी में रहीं. दर्द से करहाती रही. आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे. धीरे-धीरे उनकी जान जा रही थी. और अंदर धीरे-धीरे मैं भी मर रहा था.

हमारा क्या कसूर था? क्या भूखा होना हमारा कसूर था या इंसानों पर भरोसा करना? हम बस भूखे ही तो थे. अब महसूस होता है कि इंसानों पर भरोसा करके उनसे खाना लेना हमारा सबसे बड़ा गुनाह था. अब मैं सोचता हूं कि अच्छा हुआ मैं मां के गर्भ में ही मर गया. क्योंकि अगर मैं जिंदा रहता तो शायद एक दिन मेरा भी यही हश्र होता.

World No Tobacco Day… डराती है एक छोटी सी सिगरेट

आज World No Tobacco Day है. मेरे लिए यह दिन इसलिए खास है, क्योंकि मैंने किसी अपने को उस स्थिति में देखा है, जिसमें कभी कोई किसी को नहीं देखना चाहता. स्मोकिंग, आज कल लोगों के लिए या तो शौक बन गया है या फिर इसकी लत पड़ गई है.

हम जिस फील्ड में हैं, शायद इसमें स्मोक करना लोगों के लिए अब आम बात है. प्राइवेट नौकरी करने वालों पर शायद काम का इतना प्रेशर रहता है कि स्मोक करना अपने आप ही सीख जाते हैं. पर मेरे लिए ऐसा वक्त कभी नहीं आया कि मैं अपने माइंड को रिलेक्स करने के लिए एक सिगरेट का सहारा लूं. क्योंकि ये एक छोटी सी सिगरेट मुझे डराती है.

बहुत दुख देता है किसी अपने को दर्द में देखना…

कई बार मन में होता भी है कि एक पी लूं क्या फर्क पड़ता है, पर हिम्मत नहीं होती. स्मोकिंग किसी के लिए कितनी खतरनाक है, ये मुझे तब पता चला जब मैंने अपने सबसे करीबी इंसान को अस्पताल के बिस्तर पर पाया. उन्हें स्मोकिंग की आदत काफी पहले ही पड़ गई थी.

साल 2018 में उन्हें पहली बार फेफड़ों में दिक्कत हुई. डॉक्टर को दिखाया और कई सारे टेस्ट कराने पर पता चला कि उनके फेफड़ों में पानी भर गया है. डॉक्टर ने कारण स्मोकिंग बताया. अब वो स्मोकिंग के आदी हो चुके थे, लेकिन हमारे मना करने पर उन्होंने स्मोक करना छोड़ दिया. हमने उन्हें उस दर्द में देखा है, जिसमें पहले कभी नहीं देखा था. उन्हें बहुत दर्द होता था. उस समय भाई की शादी भी थी. सभी शादी के काम उन्हीं को देखने थे, लेकिन उनकी ऐसी हालत नहीं थी कि वो तैयारी कर सकें.

शादी का जिम्मा बड़े बहन-भाइयों ने उठाया. इसी बीच उनका पूरा ध्यान रखा गया. वो जब घर पर आराम करते थे, तो उन्हें खुद समझ आया कि स्मोकिंग करना कितना खतरनाक है. आज वे पूरी तरह से स्मोक करना छोड़ चुके हैं. अभी तो कई लोग यह समझ नहीं पाएंगे कि तंबाकू कितना जानलेवा है. पर जब ये धीरे-धीरे अंदर से खोखला करने लगेगा शायद तब समझ आए. हालांकि तब तक काफी देर हो चुकी होगी. 

तंबाकू की खेती पर क्यों नहीं लगता बैन…

हर साल देश में कई मौत तंबाकू से होने वाली बीमारी के कारण होती हैं. हर साल अलग-अलग अभियान चलाकर लोगों को तंबाकू न खाने के प्रति जागरूक किया जाता है. मैं कहती हूं कि जब सरकारों की पनाह में ही तंबाकू की खेती होती है, तो उन मौंतों की जिम्मेदारी भी सरकार की ही होनी चाहिए. मेरे अपने की तो जान बच गई, लेकिन उन हजारों लोगों का क्या जिनकी तंबाकू निर्मित चीजों का सेवन करने से जान गई है. किसी अपने को खो देने का दर्द सबसे बड़ा होता है. 

तंबाकू पर एडवाइजरी होती है- ‘यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’, लेकिन मैं पूछती हूं कि जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है वैसी चीजों को पूरी तरह से बैन क्यों नहीं किया जाता. केवल इसलिए क्योंकि ये कमाई का जरिया हैं. इससे देश की अर्थव्यवस्था को भारी फायदा पहुंचता है, लेकिन उन जानों का क्या जो हर रोज तंबाकू के कारण होने वाली बीमारी के कारण जाती हैं.