भारत में क्रिकेट की यात्रा तब शुरू हुई जब कॉलोनियल रूल के दौरान ब्रिटिश व्यापारियों और सैनिकों द्वारा खेल को भारत में खेला जाने लगा. ऐसा माना जाता है कि भारत में खेला गया पहला क्रिकेट मैच ब्रिटिश नाविकों द्वारा 1721 में कैम्बे (वर्तमान गुजरात में खंबात) में हुआ था.
क्रिकेट में सबसे ज़्यादा दिलचस्पी लेने वाले भारतीय पारसी थे. उन्होंने 1846 में ओरिएंटल क्रिकेट क्लब की स्थापना की और बाद में पारसी क्रिकेट क्लब का निर्माण किया. क्लब ने 1886 में इंग्लैंड में खेलने के लिए अपनी टीम भेजी. यहां 28 मैचों में खेले गए. 19 में भारत हार गया, आठ ड्रॉ हुए और टीम ने केवल एक मैच जीता. यह सभी मैच अनौपचारिक तौर पर खेले गए थे.
1888 और 1911 में दो और अनौपचारिक दौरों के बाद 1928 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के गठन के बाद, पहली आधिकारिक भारतीय टीम अपना पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए इंग्लैंड रवाना हुई. 1932 में आज ही के दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला आधिकारिक टेस्ट मैच खेला, जो कि लॉर्ड्ज़ में हुआ था.
25 जून, 1932 को अपने पहले टेस्ट में स्टार-स्टड वाले इंग्लिश राष्ट्रीय पक्ष का सामना करने के लिए लॉर्ड्स के मैदान पर सीके नायडू ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया. यह तीन दिवसीय मैच था. इंग्लैंड को भारतीय खिलाड़ी अपने सामने कमज़ोर नज़र आते थे. लेकिन खेल के पहले ही हाफ़ में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से अपने प्रतिद्वंद्वियों को हैरत में डाल दिया था. हालांकि, भारत यह मैच 158 रनों से हार गया था. लेकिन टीम ने अंग्रेज़ी टीम को पूरे मैच के दौरन करारी चुनौती दी थी. हर जगह भारतीय खिलाड़ियों की ख़ूब सराहना हुई.
सबसे ख़ास बात यहा है कि इस मैच के 51 साल बाद आज ही के दिन कपिल देव की अगुवाई में टीम इंडिया ने लॉर्ड्ज़ मैदान पर विश्व कप जीता और एक इतिहास रच डाला था.