Kangana Vs Shivsena : कर्मभूमि बनी रणभूमि… जुबानी जंग में तार-तार हुई भाषाई मर्यादा

सबसे बड़ा सवाल तो यही खड़ा होता है कि अगर कंगना के ऑफिस में अवैध निर्माण था, बीएमसी को इतने महीने से यह अवैध निर्माण क्यों नजर नहीं आया.