कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण दुनिया भर में 60 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 12 लाख से ज्यादा लोग इसकी जद में हैं. भारत भी इसके प्रकोप से अछूता नहीं रहा है. देश में यह महामारी अभी तक 83 लोगों की जान ले चुकी हैं और 3000 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं. हालांकि अन्य देशों के मुकाबले अपने देश में संक्रमित लोगों की संख्या कम है, पर इसमें खुशी की बात नहीं है. ये सरकार की नाकामी बयां करती है. क्योंकि यह निश्चित है जब ज्यादा टेस्ट होंगे, तब अधिक ज्यादा संख्या में संक्रमित लोगों की संख्या सामने आएगी.
अब सरकार लोगों का टेस्ट कराने से तो गई, पर कभी ताली पिटवा कर तो कभी दीये या मोमबत्ती जलवा कर एकजुटता का सबूत जरूर मांगती रहती हैं. ताकि लोग एकजुट होकर यह साबित करते रहे कि हम सभी घर में हैं और कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्टर्स और अन्य लोगों का सम्मान कर रहे हैं.
सम्मान भी देखिए कैसे दिया जा रहा है. 5 अप्रैल, 2020 यानी आज के दिन अपने घरों की सभी लाइट्स बंद करके फ्लैशलाइट, दीया और मोमबत्ती जलाकर कोरोना वॉरियर्स का सम्मान देने को पीएम ने अपने हाल ही में देश के नाम दिए गए संबोधन में कहा था. पर विडंबना ये है कि देश में गंवार और मुर्खों की एक जमात भी रहती है, जो कि कोरोना वॉरियर्स को सम्मान देने के लिए पटाखे फोड़ना ज्यादा उचित समझती है.
लगता है ये घटिया लोग इस बात का जश्न मना रहे थे कि देश में कोरोना के कारण अबतक इतनी मौत हो चुकी हैं और आगे भी न जाने कितनी होंगी. तुम्हारे द्वारा जलाए गए इन पटाखों की आवाज उन घर तक भी पहुंची होगी, जिनके चिराग बुझे हैं. उनसे जाकर पूछों कि उन्होंने कैसे तुम्हारे इस बेहुदा जश्न को बर्दाश्त किया होगा. वो परिवार आज फिर से रोए होंगे कि देखो, देश हमारे प्रियजन के जाने पर कैसे खुशी मना रहा है.