घूरते हो, मारते हो, आबरू से खेलते हो, नहीं चाहिए एक दिन का सम्मान, देना है तो रोज दो

भारत ही नहीं दुनिया में महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं सुनने को मिलती हैं। महिलाओं के सम्मान की इतनी ही फिक्र है तो उन्हें बुरी नजर से देखना बंद करो, तभी महिलाओं को असली सम्मान मिलेगा।

तुम्हारे जलाए पटाखों की आवाज आज उन घर तक भी पहुंची होगी जहां कोरोना ने छिनी है किसी की जान

लगता है ये घटिया लोग इस बात का जश्न मना रहे थे कि देश में कोरोना के कारण अबतक इतनी मौत हो चुकी हैं और आगे भी न जाने कितनी होंगी.